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सनातन पर राजनीति करने वाले न दें उपदेश

➤ धर्मशाला वॉकथॉन में सीएम सुक्खू बोले—सनातन धर्म न सिखाएं वे, जो इसे राजनीति के लिए प्रयोग करते हैं
➤ भाजपा पर वीडियो काटने, मुद्दों से भटकाने और संपदा लुटाने के आरोप
➤ सीएम ने कहा—मैंने कमाई से ऑल्टो खरीदी, जनता से मिला सब कुछ जनता को लौटाऊंगा


धर्मशाला में आयोजित चिट्टा विरोधी वॉकथॉन के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मीडिया से बातचीत में सनातन धर्म, भाजपा की राजनीति, प्रदेश की संपदा और अपनी निजी जीवनशैली से जुड़े कई महत्वपूर्ण बयान दिए।

उन्होंने कहा कि “सनातन धर्म की परिभाषा वे न सिखाएं, जो खुद सनातन धर्म की राजनीति कर वोट प्राप्त करते हैं।” मुख्यमंत्री के अनुसार, सनातन धर्म का वास्तविक अर्थ है—अच्छे कर्म करना, सेवा करना, दीन-दयाल और गरीबों की मदद करना।

सीएम ने बताया कि धर्मशाला में बच्चियों से मुलाकात के दौरान उन्होंने पूछा था कि राधे-राधे क्यों बोलते हैं और इसका अर्थ क्या है, लेकिन भाजपा ने इसका वीडियो आधा काटकर पेश कर दिया, जिससे गलत संदेश दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा के समय केंद्र की भाजपा सरकार ने आधे दिन की छुट्टी दी थी, जबकि हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने पूरा दिन अवकाश घोषित किया था। उन्होंने कहा कि कन्या पूजन, गोवर्धन पूजा जैसे संस्कार बचपन से सिखाए जाते हैं, इन्हें किसी राजनीतिक दल से सीखने की जरूरत नहीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पास आज कोई मुद्दा नहीं बचा, इसलिए वे सिर्फ उनके वीडियो बनाकर राजनीतिक माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

सीएम ने आरोप लगाया कि पिछली डबल इंजन सरकार ने 4500 बीघा की करोड़ों की संपदा मात्र 1.22 करोड़ रुपये में दे दी, जिसकी असल कीमत लगभग 5000 करोड़ रुपये तक हो सकती थी। उन्होंने कहा कि यह जगह एक नया शहर बसाने लायक थी, लेकिन जनता की संपदा को लुटा दिया गया।

निजी सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी ऑल्टो कार उन्होंने अपनी कमाई से खरीदी है और हर बजट सत्र में उसी में जाते हैं। उन्होंने कहा कि वे गरीब परिवार से निकले हैं और गरीबों के दर्द को समझते हैं।

सीएम का कहना था—
“मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने न कोई संपत्ति बनाई, न होटल खरीदा। जो समाज ने मुझे दिया है, उसे मैं समाज को लौटाने के उद्देश्य से ही काम करता हूं।”